Agastya Arunachalअगस्त्य अरुणाचल कभी दिल्ली विश्वविद्याल&2351; में रामजस कॉलेज के छात्र थे, आज मीडिया जगत में अपनी पहचान बुलंद कर रहे हैं। रोजमर्रे का तनाव दूर करने के लिए यादों का सहारा लेने का शगल है। पुरानी यादें कलमबद्ध होती गईं और उपन्यास आकार पकड़ता गया। लेखक ने उस दौर में टीवी न्यूज इंडस्ट्री में प्रवेश किया, जब भारत में प्राइवेट टीवी न्यूज पनप ही रहा था। नई इंडस्ट्री कब पुरानी हो गई, पता ही नहीं चला। पर खबरों की दुनिया से नाता नहीं टूटा। दिल में हर समय कुछ नया करने की चाहत बनी रही है। जब ऑडियो बुक का प्रचलन भारत में परवान भी नहीं चढ़ा था, तभी किसानों के लिए ऑडियो बुक तैयार कर डाला। पर्यावरण के प्रति संजीदगी है। इसी कारण उपन्यास का स्वरूप ई-बुक है। हालांकि पेपरबैक पुस्तक पसंद करने वालों के लिए भी विकल्प उपलब्ध है। Read More Read Less
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